VIJAYI VISHWA TIRANGA PYARA
कवि शब्दों में सोचता है और चित्रकार रंगों में देखता है । इसकी झांकी हमें मिलती है ऋतुप्रिया खरे एवं प्रोफेसर नीलू गुप्ता द्वारा संकलित इस रसपूर्ण संकलन ‘विजयी विश्व तिरंगा प्यारा’ में जिस में विश्व के 40 से अधिक देशों के प्रवासी भारतीय, हिंदी के विदेशी साहित्यकार एवं भारत के अनेक प्रदेशों से जाने अनजाने साहित्यकार, कवि एवं चित्रकार ने देशभक्ति के काव्यों, चित्रों और महत्वपूर्ण लेखों द्वारा अपना बहुमूल्य योगदान देकर इसे सजाया है। ये पुस्तक भारत के “वसुधैव कुटुम्बकम” के साथ साथ विश्वशांति की भावना का महत्त्व समजा रहा है। इस संकलन से दृष्टिगोचर हो रहा है कि विश्व में लहरा रहा तिरंगा पुरातन से नवभारत का ‘ विश्व बंधुत्व ‘, ‘ सर्वे भवंतु सुखिनः’ एवं शांति और अहिंसा का संदेश प्रसारित करता है।